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जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे. IAF हेलिकॉप्टर Mi-17V5 8 दिसम्बर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें CDS जनरल बिपिन रावत, उनके परिवार के सदस्य और कर्मचारी सवार थे. उन्हें भारतीय वायुसेना ने उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों के साथ मृत घोषित कर दिया है. इस दुखद दुर्भाग्यपूर्ण क्षण में, उनके जीवन पर एक नज़र डालें.
जनरल बिपिन रावत की जीवनी | General Bipin Rawat Biography In Hindi
जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे, जिन्हें 30 दिसंबर 2021 को भारत के पहले सीडीएस के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 1 जनवरी 2020 को पदभार ग्रहण किया. वे देश के पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें देश का पहला CDS अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया था, इससे पहले ये पद आज तक किसी को नही मिला है.
नाम ( Name) | बिपिन रावत |
प्रसिद्धी का कारण (Famous For ) | भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होने के नाते |
जन्म (Birth) | 16 दिसंबर 1978 |
उम्र (Age ) | 63 साल (मृत्यु तक ) |
जन्म स्थान (Birth Place) | पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड , भारत |
मृत्यु की तारीख (Date of Death) | 8 दिसंबर 2021 |
मृत्यु की जगह (Place of Death) | कुन्नूर, तमिलनाडु |
मृत्यु की वजह (Reason of Death ) | हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त |
गृहनगर (Hometown) | लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड, भारत |
शिक्षा Education Qualification | एमफिल की डिग्री , प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा डॉक्टरेट की उपाधि |
स्कूल (School ) | कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला |
कॉलेज (College) | राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास में संयुक्त राज्य सेना कमान और जनरल स्टाफ कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
राशि (Zodiac Sig) | कन्या |
जाति (Caste ) | हिंदू गढ़वाली राजपूत |
कद (Height) | 5 फीट 8 इंच |
आंखों का रंग (Eye Colour) | गहरा भूरा रंग |
बालों का रंग (Hair Colour) | काला |
पेशा (Profession) | आर्मी ऑफिसर |
पद (Rank) | फोर स्टार जनरल |
सर्विस / ब्रांच ( Army Service/Branch) | भारतीय आर्मी |
सर्विस के साल (Service-Years) | 16 दिसंबर 1978 – 8 दिसंबर 2021 ( मृत्यु तक) |
यूनिट (Unit) | 5/11 गोरखा राइफल्स |
आदेश (Commands ) | दक्षिणी कमान III कोर 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन मोनुस्को उत्तर किवु ब्रिगेड राष्ट्रीय राइफल्स, सेक्टर 5 |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
वेतन (Salary ) | रु. 500,000/माह + अन्य भत्ते |
जन्म (Birth)
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था. उनके पिता, लक्ष्मण सिंह रावत ने भारतीय सेना की सेवा की और लेफ्टिनेंट-जनरल के पद तक पहुंचे. उनकी मां उत्तराखंड के उत्तरकाशी के एक पूर्व विधायक की बेटी थीं.
शिक्षा (General Bipin Rawat Education)
उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में प्राप्त की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया.
वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड में हायर कमांड कोर्स और फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास में जनरल स्टाफ कॉलेज से भी स्नातक थे.
उन्होंने एम.फिल. भी किया. रक्षा अध्ययन में डिग्री के साथ-साथ मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा. सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए, उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया.
आतंकवादियों का सफाया करने के लिए तुरंत लेते थे निर्णय बिपिन रावत –
क्या आप जानते है उरी हमले के बाद सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक पैरा कमांडोज का आईडिया किसने दिया था वे थे जनरल रावत का था. बहुत कम लोगो को इस बारे होगा लेकिन इसके पीछे जनरल बिपिन रावत के दिमाक से ही आईडिया निकला था।
अपने 63 साल के अपने जीवनकाल में जनरल बिपिन रावत ने अनेको ऐसे कई काम किए, जो हमेशा लोगो के दिलो में हमेशा याद रखे जाएंगे.
दंगो और आतंकवादियों से भरे हुए स्थानों में काम करने के अनुभव को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने दिसंबर 2016 में जनरल रावत को दो वरिष्ठ अफसरों की सलाह पर आर्मी चीफ बनाया था.
जब मणिपुर में जून 2015 में आतंकीवादी हमले हुए थे जिसमे भारत के 18 आर्मी जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद 21 पैरा के कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकियों का नमो निशान मिटा दिया गया था।
एक एक आंतकवादी को चुन चुन कर मारा गया था . तब उस समय आर्मी के कमांडर बिपिन रावत ही थे जिन्होंने ऐसा करने के लिए आर्मी को आदेश दिया था।
बिपिन रावत का मिलिट्री करियर (Bipin Rawat Army Career )
रावत को 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में भर्ती कराया गया था, उसी यूनिट में उनके पिता थे। एक मेजर के रूप में, उन्होंने उरी, जम्मू और कश्मीर में एक कंपनी की कमान संभाली।
कर्नल के रूप में, उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में 5वीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली। एक ब्रिगेडियर के रूप में, उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर की कमान संभाली।
इसके बाद उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में एक अध्याय VII मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली, जहाँ उन्हें दो बार फोर्स कमांडर की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया।
मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद, रावत ने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (उरी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पदभार संभाला। एक लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने पुणे में दक्षिणी सेना को संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय वाली III कोर की कमान संभाली।
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